मोसे रुथ गायो किसाकी लगी जुल्मी नजरिया - The Indic Lyrics Database

मोसे रुथ गायो किसाकी लगी जुल्मी नजरिया

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - तराना | वर्ष - 1951

View in Roman

( मोसे रूठ गयो मोरा साँवरिया
किसकी लगी हाय-हाय किसकी लगी जुल्मी नजरिया ) -२प्यार की राहें अनाड़ी का साथ है
लगी हमारी की लाज तेरे हाथ है -२
तोरी कागज की नय्या है मोरे सवरिया
कागज की नय्या है मोरे सवरियाकिसकी लगी हाय-हाय किसकी लगी जुल्मी नजरिया
मोसे रूठ गयो मोरा साँवरिया
किसकी लगी हाय-हाय किसकी लगी जुल्मी नजरियाझूठ-मूठ की प्रीत जताये के
सोये गये चुप से बलम घर जाये के -२
इन्हें दूजे के दिल की ना कोई खबरिया
दूजे के दिल की ना कोई खबरियाकिसकी लगी हाय-हाय किसकी लगी जुल्मी नजरिया
मोसे रूठ गयो मोरा साँवरिया
किसकी लगी हाय-हाय किसकी लगी जुल्मी नजरिया( मोसे रूठ गयो मोरा साँवरिया
किसकी लगी हाय-हाय किसकी लगी जुल्मी नजरिया ) -२काहे को रूठ गये क्या है कुसूर मेरा
किस बिध माने ना दिल मजबूर मेरा -२
इसे ले के चली आई पिया तेरी नगरिया
ले के चली आई पिया तेरी नगरियाकिसकी लगी हाय-हाय किसकी लगी जुल्मी नजरिया
मोसे रूठ गयो मोरा साँवरिया
किसकी लगी हाय-हाय किसकी लगी जुल्मी नजरिया