गीतकार - शम्स अज़ीमाबादी | गायक - सुरैया | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - ख़ूबसूरत | वर्ष - 1952
View in Romanये चाँद-सितारे क्या जानें
इस दिल के सहारे टूट गये
आँखों पे किसी बदक़िस्मत की
कितने ही सितारे टूट गये
ये चाँद-सितारे क्या जानें
( तक़दीर की ज़ालिम मौजों ने
अफ़सोस डुबोया ला के कहाँ )
साहिल की तरफ़ जाते-जाते
मौजों से किनारे छूट गये
आँखों पे किसी बदक़िस्मत की
कितने ही सितारे टूट गये
ये चाँद-सितारे क्या जानें
उल्फ़त का चमन सुनसान हुआ
वीरान मेरा अरमान हुआ
बरबाद हुई दिल की दुनिया
जब ख़ाब हमारे टूट गये
आँखों पे किसी बदक़िस्मत की
कितने ही सितारे टूट गये
ये चाँद-सितारे क्या जानें
इस दिल के सहारे टूट गये
आँखों पे किसी बदक़िस्मत की
कितने ही सितारे टूट गये
ये चाँद-सितारे क्या जानें$