गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मन्ना डे | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - अनुरोध | वर्ष - 1977
View in Romanतुम बेसहारा हो तो किसी का सहारा बनो
तुम को अपने आप ही सहारा मिल जाएगा
कश्ती कोई डूबती पहुँचा दो किनारे पे
तुम को अपने आप ही किनारा मिल जाएगा
हँस कर जिंदा रहना पड़ता है
अपना दुःख खुद सहना पड़ता है
रस्ता चाहे कितना लंबा हो
दरिया को तो बहना पड़ता है
तुम हो एक अकेले तो रुक मत जाओ चलो निकलो
रस्ते मे कोई साथी तुम्हारा मिल जाएगा
जीवन तो एक जैसा होता है
कोई हँसता, कोई रोता है
सब्र से जीना आसान होता है
फ़िक्र से जीना मुश्किल होता है
थोड़े फूल हैं काँटे हैं जो तकदीर ने बाँटे है
हमको इनमे से हिस्सा हमारा मिल जाएगा
Tum Besahara Ho To Lyrics