पत राखो गिरधारी - The Indic Lyrics Database

पत राखो गिरधारी

गीतकार - अजीज कश्मीरी | गायक - ना | संगीत - पं अमरनाथ | फ़िल्म - पापी | वर्ष - 1943

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फिर फसलेsic बहार आई दिले दीवाना

फिर फसलेsic बहार आई दिले दीवाना

फिर जोशे मरसरतमें एक नारए मस्ताना ।

नई मंज़िलपे आई जवानी मेरी

क्यूं न हो जाये दिलकश कहानी मेरी ।

भोली कलियां चमनको सजाने लगीं

रंगताजा बहारे दीखाने sic lagii sic ।

ले मुबारक तुझे शादमानी मेरीनई मंज़िलपे

ज़िंदगीके तराने सुनाता चले

आज दिल हर कदम गीत गाता चले

आके बुलबुल करे हम ज़बानी मेरीनई मंज़िलपे