परेशाँ था, परेशाँ है - The Indic Lyrics Database

परेशाँ था, परेशाँ है

गीतकार - फैयाज हाशमी | गायक - NA | संगीत - ना | फ़िल्म - गैर-फिल्मी | वर्ष - 1940

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फिर आह दिल से निकली, टपका लहू जिगर से

फिर आह दिल से निकली, टपका लहू जिगर से

शायद वो जा रहे हैं, छुपकर मेरी नज़र से

छुपकर मेरी नज़र से4

शायद वो जा रहे हैं, छुपकर मेरी नज़र से

मालूम क्या थ्हा दिल पर, इक ये सितम भी होगा

आयेंगे और आकर, फिर जायेंगे वो दर से

फिर जायेंगे वो दर से4

आयेंगे और आकर, फिर जायेंगे वो दर से

वो जानते तो होंगे, मजबूरियाँ हमारी

हम जिनको देखते हैं, हसरत भरी नज़र से

हसरत भरी नज़र से4

हम जिनको देखते हैं, हसरत भरी नज़र से

हम हो गये पराये, अब उनसे वासता क्या

केह दे ये उनसे कोई, गुज़रे ना वो इधर से

गुज़रे ना वो इधर से4

केह दे ये उनसे कोई, गुज़रे ना वो इधर से