दगा दगा वई वई वई - The Indic Lyrics Database

दगा दगा वई वई वई

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - काली टोपी लाल रुमाल | वर्ष - 1959

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दगा दगा वई वई वई
दगा दगा वई वई वई
हो गई तुमसे उल्फ़त हो गई
यूँ ही राहों में खड़े हैं तेरा क्या लेते हैं
देख लेते हैं जलन दिल की बुझा लेते हैं
आये हैं दूर से हम
तेरे मिलने को सनम
चे-कुनम, चे-कुनम, चे-कुनम
दगा दगा वई वई वई
जान जलती है नज़र ऐसे चुराया न करो
हम गरीबों के दुखे दिल को दुखाया न करो
आये थे दूर से हम
तेरे मिलने को सनम
चे-कुनम, चे-कुनम, चे-कुनम
दगा दगा वई वई वई
हम क़रीब आते हैं तुम और जुदा होते हो
लो चले जाते हैं काहे को खफ़ा होते हो
अब नहीं आएँगे हम
तेरे मिलने को सनम
चे-कुनम, चे-कुनम, चे-कुनम
दगा दगा वई वई वई