हम अपने दिल का फ़साना - The Indic Lyrics Database

हम अपने दिल का फ़साना

गीतकार - नक्षबी | गायक - रफी | संगीत - श्याम सुंदरी | फ़िल्म - एक्ट्रेस | वर्ष - 1948

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हम थे तुमहरे तुम थे हमारे

हम थे तुमहरे तुम थे हमारे

हाए वो भी ज़माना याद करो

दिल को लगा के हम से आंखें चुरा के

दूर गए हो जब से आए न जा के

छुपके जहां पर मिल्ते हम तुम

हाए वो भी ठिकाना याद करो

हम थे तुमहरे

खेल नहीं है कोई दिल का लगाना

देखो वो बातें कहीं भूल न जाना

तीर चले थे नज़रों के जिस पर

हाए वो भी निशाना याद करो

हम थे तुमहरे

हाथों में आ के दामन छूट न जाएं

येह दो दिलों के रिशते टूट न जाएं

दिल से कभी जो दिल ने कहा था

हाए वो भी फ़साना याद करो

हम थे तुमहरे