ये बरखा बहार - The Indic Lyrics Database

ये बरखा बहार

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता, आशा | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - मयूर पंखु | वर्ष - 1953

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( ये बरखा बहार, सौतनिया के द्वार
न जा मोरे साँवरे पिया )
न जा मोरे साँवरे पिया
अन्धेरी रात घटाओं से दर्द बरसेगा
तेरे बिना जले ये दिल सेज प्यार तरसेगा
मैं रो-रो मरूँ, तोरे पइयाँ पड़ूँ
न जा मोरे साँवरे पिया
ये बरखा बहार, सौतनिया के द्वार
न जा मोरे साँवरे पिया
तेरे बग़ैर क्या मज़ा है ज़िंदगानी में
न जाओ बेरहम लगा के आग पानी में

ये ठण्दी फुहार, ये कोयल पुकार
न जा मोरे साँवरे पिया
ये बरखा बहार, सौतनिया के द्वार
न जा मोरे साँवरे पिया
घड़ी नहीं ये दिल के सब्र आज़माने की
है रुत नज़र से नज़र दिल से दिल मिलाने की
ये पहला अशाड़ दिखा दे दुलार
न जा मोरे साँवरे पिया
ये बरखा बहार, सौतनिया के द्वार
न जा मोरे साँवरे पिया
तेरे बग़ैर क्या मज़ा है ज़िंदगानी में
न जाओ बेरहम लगा के आग पानी में

ये ठण्दी फुहार, ये कोयल पुकार
न जा मोरे साँवरे पिया
ये बरखा बहार, सौतनिया के द्वार
न जा मोरे साँवरे पिया $