अब और क्या किसी से मरासिम बधाएं हम - The Indic Lyrics Database

अब और क्या किसी से मरासिम बधाएं हम

गीतकार - अहमद फ़राज़ी | गायक - गुलाम अली | संगीत - गुलाम अली, रफीक हुसैन | फ़िल्म - महराब (गैर-फिल्म) | वर्ष - 1994

View in Roman ऐ ऐ ख़ुदा न करना तुझे भी रुलायें हम
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अब और क्या किसी से मरासिम बढ़ायें हम
ये भी बहुत है तुझको अगर भूल जायें हमइस ज़िंदगी में इतनी फ़राग़त किसे नसीब
इतना न याद आ के तुझे भूल जायें हमतू इतनी दिलज़दा तो न थी ऐ शब-ए-फ़िराक़
आ तेरे रास्ते में सितारे लुटायें हमवो लोग अब कहाँ हैं जो कहते थे कल 'फ़राज़'
ऐ ऐ ख़ुदा न करना तुझे भी रुलायें हम