हम किसको सुनायें हाल - The Indic Lyrics Database

हम किसको सुनायें हाल

गीतकार - मजरूह | गायक - मुकेश | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - अंदाज़ | वर्ष - 1949

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हम किसको सुनायें हाल

हम किसको सुनायें हाल

ये दुनिया पैसे की

ओ नहीं पास हमारे माल

ये दुनिया पैसे की

कल हमारे पास भी बंगला था मोटरकार थी

आज हैं शरनार्थी हम आज हैं शरनार्थी

पूछे न कोई हाल

ये दुनिया पैसे की

हम किसको सुनायें हाल

ये दुनिया पैसे की

हम लूटे ऐसे हमारा आसरा कोई नहीं

आज दुनिया में ग़रीबों का ख़ुदा कोई नहीं

देखा दुनिया का हाल

ये दुनिया पैसे की

हम किसको सुनायें हाल

ये दुनिया पैसे की

कदर बस दौलत की है दुनिया के इस बाज़ार में

मंदिरों से bank ऊँचे बन गये संसार में

उल्टी इस जग की चाल

ये दुनिया पैसे की

हम किसको सुनायें हाल

ये दुनिया पैसे की

कुछ तो ऐ दुनिया के मालिक कर ग़रीबों का ख़याल

भेज हलवा भेज पूरी भेज रोटी भेज दाल

कब तक गाये कंगाल ये दुनिया पैसे की

ये दुनिया पैसे की

भेज हलवा भेज पूरी भेज रोटी

भेज दाल

भेज रोटी

भेज दाल

भेज पूरी

भेज दाल

भेज