और क्या अहद-ए-वफ़ा होते हैं - The Indic Lyrics Database

और क्या अहद-ए-वफ़ा होते हैं

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - सुरेश वाडेकर | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - सनी | वर्ष - 1984

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और क्या अहद-ए-वफ़ा होते हैं
लोग मिलते हैं, जुदा होते हैं
कब बिछड़ जाए हमसफ़र ही तो है
कब बदल जाए एक नज़र ही तो है
जान-ओ-दिल जिस पे फ़िदा होते हैं
बात निकली थी इस जमाने की
जिस को आदत है भूल जाने की
आप क्यों हम से खफ़ा होते हैं
जब रुला लेते हैं जी भर के हमें
जब सता लेते हैं जी भर के हमें
तब कहीं खुश वो ज़रा होते हैं