पपीहा रे - The Indic Lyrics Database

पपीहा रे

गीतकार - प्रदीप | गायक - पारुल घोष, पुरुष आवाज? | संगीत - NA | फ़िल्म - NA | वर्ष - 1943

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परेशाँ था, परेशाँ है

परेशाँ था, परेशाँ है

ये दिल कम्बख़्त दिल मेरा

हाए दिल मेरा

परेशाँ था, परेशाँ है

मेरे गुल्शन के गुल सारे

खिले इक पल न बेचारे

कभी इन पर बहार आए

ये अरमाँ था, ये अर्माँ है

जो मर्हम काम कर जाता

तो कोई ज़ख़्म भर जाता

मेरे ज़ख़्मों पे मर्हम का

न एह्साँ था, न एह्साँ है