हम जहाँ से दुउर कोई हमको ना देखे - The Indic Lyrics Database

हम जहाँ से दुउर कोई हमको ना देखे

गीतकार - पी एल संतोषी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शिवराम कृष्ण | फ़िल्म - तीन बत्ती चार रास्ता | वर्ष - 1953

View in Roman

ल: हम जहाँ से दूर रहना चाहते हैं
ग़म के नशे में चूर रहना चाहते हैं
मजबूरियाँ अच्छी लगीं इतनी हमें
के हर घड़ी मजबूर रहना चाहते हैंकोई हमको ना देखे हम न देखें किसी को -२
देखे वो जिसने लूटा ख़ुशी को मेरी हँसी को
कोई हमको ना देखे हम न देखें किसी कोहर चमन में एक दिन हँस के आती है बहार
मेरी क़िस्मत में थे उगने बदनसीबी के ये ख़ार
ले जाऊँ कहाँ हाय
ले जाऊँ कहाँ हाय मैं ले जाऊँ कहाँ
ले जाऊँ कहाँ मैं अपनी बेबसी को
अपनी बेबसी कोकोई हमको ना देखे हम न देखें किसी कोजिसको दिल अपना दिया उसने टुकड़े कर दिये
मर चुकी जिसकी तमन्ना वो भला कैसे जिये
ख़ुश रहे बस वो सितमगर रो रही जिसके लिये
वो जाने भला क्यूँ कर
वो जाने भला क्यूँ कर
वो जाने भला क्यूँ कर इस दिल की लगी को
इस दिल की लगी कोकोई हमको ना देखे हम न देखें किसी को -२
देखे वो जिसने लूटा ख़ुशी को मेरी हँसी को
कोई हमको ना देखे हम न देखें किसी को