देख कर दिलाकाशी ज़माने कि - The Indic Lyrics Database

देख कर दिलाकाशी ज़माने कि

गीतकार - अब्दुल हमीद आदम | गायक - गुलाम अली | संगीत - | फ़िल्म - हसीन लम्हें (गैर-फिल्म) | वर्ष - 1988

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देखकर दिलक़शी ज़माने की
आरज़ू है फ़रेब खाने कीऐ ग़म-ए-ज़िंदगी न हो नाराज़
मुझको आदत है मुस्कुराने कीज़ुल्मतों से न डर के रस्ते में
रोशनी है शराबख़ाने कीआ तेरे गेसुओं को प्यार करूँ
रात है मशलें जलाने की