लुटा दे अपनी ख़ुशी ख़ुशी से - The Indic Lyrics Database

लुटा दे अपनी ख़ुशी ख़ुशी से

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - तलत महमूद | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - एक नज़र | वर्ष - 1951

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लुटा दे अपनी ख़ुशी ख़ुशी से
ऐ दिल ये क़िस्मत का है इशारा
कि तेरी नैया के डूबने से
किसीको मिल जाएगा किनारा
ये आँसू ख़ुशी के आँसू हैं
दिल ख़ुशी के मारे रोता है
जो किसीकी ख़ातिर बहता है
वो आँसू मोती होता है
उल्फ़त की ख़ुशी को ठुकराके
लेले ना दर्द जुदाई का
यूँ ही उल्फ़त की जाती है
और प्यार ऐसे भी होता है
एक दिल में अँधेरा होने से
होते हैं अगर दो दिल रौशन
फ़रियाद न कर ऐ मेरे दिल
होने दे अगर यूँ होता है$