मेरी संसन को जो महाका रही हैं - The Indic Lyrics Database

मेरी संसन को जो महाका रही हैं

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर, महेंद्र कपूर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - बदलते रिश्ते | वर्ष - 1978

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ल: मेरी साँसों को जो महका रही है
ये पहले प्यार की खुशबू
तेरी साँसों से शायद आ रही हैशुरू ये ये सिलसिला, उसी दिन से हुआ था -२
अचानक तूने जिस दिन मुझे यूँही छुआ था -२
लहर जागी जो उस पल, तन-बदन में
वो मन को आज भी बहका रही हैये पहले प्यार की खुशबू
तेरी साँसों से शायद आ रही हैम: बहुत तरसा है ये दिल, तेरे सपने सजाके -२
ये दिल की बात सुन ले, मेरी बाहों में आके -२
जगाके अनोखी प्यास मन में
ये मीठी आग जो दहका रही हैल: ये पहले प्यार की खुशबू
तेरी साँसों से शायद आ रही हैये आँखें बोलती हैं, जो हम न बोल पाए
जगी वो प्यास मन की, नज़र में झिलमिलाए
होंठों पे तेरी हलकी सी हँसी है
मेरी धड़कन बहकती जा रही हैये पहले प्यार की खुशबू
तेरी साँसों से शायद आ रही है