तेरी दुनिया से दूर, चले हो के मजबूर, हमे याद रखना - The Indic Lyrics Database

तेरी दुनिया से दूर, चले हो के मजबूर, हमे याद रखना

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - लता - रफी | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - ज़बाक | वर्ष - 1961

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तेरी दुनिया से दूर, चले हो के मजबूर हमें याद रखना
जाओ कहीं भी सनम, तुम्हे इतनी कसम हमें याद रखना
आयेंगी बहारें तो तेरे ही फसाने सुनायेंगी हमें
होगी तनहाई तो आके तेरी यादे रुलायेंगी हमें
रुलायेंगी हमें, तड़पायेंगी हमें
कभी देखी थी बहार, कभी हमसे था प्यार, ज़रा याद रखना
ले जा जानेवाले दुआएं मेरे दिलकी, किसीसे क्या गिला
तेरी ही खता है ना मेरी ही खता है, जो होना था हुआ
जो होना था हुआ, है किसी से क्या गिला
देखो रोए मेरा प्यार, कहे दिल की पुकार, हमें याद रखना