दम है बाकी तो ग़म नहीं - The Indic Lyrics Database

दम है बाकी तो ग़म नहीं

गीतकार - साहिर | गायक - आशा: | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - हाउस नंबर 44 | वर्ष - 1955

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दम है बाकी तो ग़म नहीं
ऐश के रस्ते कम नहीं )-2

( आँख वो क्या, दिल ही वो क्या
जो न करे कोई ख़ता )-2
हाथ बढ़ा साज उठा
दुनिया का ग़म करे अपनी बला

( दम है बाकी तो ग़म नहीं
ऐश के रस्ते कम नहीं )-2

ंअले Vओइcए: हे हे हे हे

आ:
( कल के आज आज न ढल
दिल से मिटा ग़म का असर )-2
सोचना कल आह न भर
आँखों में बसेरा कर दिल में उतर

( दम है बाकी तो ग़म नहीं
ऐश के रस्ते कम नहीं )-2

( रुत है जवाँ वक़्त हसीं
जश्न रहे आज यहीं )-2
कल का यक़ीं हमको नहीं
थन ही न जाये कहीं घूमती ज़मीं

( दम है बाकी तो ग़म नहीं
ऐश के रस्ते कम नहीं )-2

ंअले Vओइcए: हे हे, हे हे
आ: हे हे, हे हे

हे हे हे
दम है बाकी तो ग़म नहीं
ऐश के रस्ते कम नहीं$