यह रात खुश नसीब - The Indic Lyrics Database

यह रात खुश नसीब

गीतकार - | गायक - | संगीत - | फ़िल्म - | वर्ष - 1993

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मेरी साँसों में तुम
दिल की धड़कन में तुम
रहते हो मेरे ख्यालों में तुम

यह रात खुशनसीब है
जो अपने चाँद को
कलेजे से लगाए सो रही है
यहाँ तोह घुम की
सेज पर हमारी आरजू
अकेले मुह छुपाये रो रही है
यह रात खुशनसीब है
जो अपने चाँद को
कलेजे से लगाए सो रही है

साथी मैंने पाके तुझे खोया
कैसा है यह अपना नसीब
तुझसे बिछड़ गयी मैं तोह
यादें तेरी है मेरे करीब
तू मेरी वफ़ा में
 

 

तू मेरी सदा मैं
तू मेरी दुवाओ में
यह रात खुशनसीब है
जो अपने चाँद को
कलेजे से लगाए सो रही है

कटती नहीं है मेरी रातें
काटते नहीं है मेरे दिन
मेरे सारे सपने अधूरे
ज़िन्दगी अधूरी तेरे बिन
खाबों में निगाही में
प्यार की पनाहो में
ा छुपाले बाजुओ में
यह रात खुशनसीब है
जो अपने चाँद को
कलेजे से लगाए सो रही है
यहाँ तोह घुम की
सेज पर हमारी आरजू
अकेले मुह छुपाये रो रही है.