मैनू ईश्क दा लगिया रोग - The Indic Lyrics Database

मैनू ईश्क दा लगिया रोग

गीतकार - समीर | गायक - अनुराधा पौडवाल | संगीत - नदीम - श्रावण | फ़िल्म - दिल है के मानता नहीं | वर्ष - 1991

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मैनू इश्क दा लगिया रोग, मैनू बचने दी नईयो उम्मीद
मुझ से कहने लगे हैं लोग, मैनू बचने दी नईयो उम्मीद
इश्क ने जला दिया, सबकुछ भूला दिया
इश्क ने देखो कैसा अपना हाल बना दिया
कैसी है बेखुदी, कैसी अगन लगी
जबसे इश्क हुआ है तब से दुनिया लगे नई
ये दिल है के माने ना, पागल कुछ भी जाने ना
इश्क ने बना दिया, इश्क ने मिटा दिया
इश्क ने तुझको मुझको क्या दुनिया को झुका दिया
इश्क में मर जाये, आ कुछ कर जाये
इश्क की खुशबू से सारे आलम को महकाये
प्यार में तेरे जान-ए-जां, मैने छोड़ा है सारा जहां