बागान में कैसे ये फूल खिलाते हैं - The Indic Lyrics Database

बागान में कैसे ये फूल खिलाते हैं

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर, मुकेश | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - चुपके चुपके | वर्ष - 1975

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बाग़ों में कैसे ये फूल खिलते हैं
खिलते हैं भँवरों से जब फूल मिलते हैं
ओ~ बाग़ों में ...ओ~ अ ःआ~
मौसम बहारों के लगते हैं क्यों प्यारे
हँसते हैं रोते हैं कलियों के संग सारे
कलियों के खिलने से दिल भी खिलते हैं
बाग़ों में ...अच्छा अब तुम बोलो ऐसा कब होता है
बड़े वो हो मत छेड़ो ऐसा तब होता है
जब तेरे नयनों से मेरे नैन मिलते हैं
बाग़ों में ...