आयी बरखा बहार पड़े बुँदन - The Indic Lyrics Database

आयी बरखा बहार पड़े बुँदन

गीतकार - केदार शर्मा | गायक - लता मंगेशकर, सहगान | संगीत - जमाल सेन | फ़िल्म - शोखियां | वर्ष - 1950

View in Roman

आयी बरखा बहार पड़े बुँदन फुहार
बैरी बिन बरखा सुहाये न सखी
ओ दैया उन बिन कछु मोहे भाये न सखी
ओ री, ओ री ...

ओ पवन चले पुरवैइया, पुरवैइया
ओ मोरी डोले रे जैसे नैया, नैया
ओ मोरे राजा बलम
घर आये न सखी
बैरी बिन बरखा ...

नैना तपत बालम बिना
गले मिलन को ब्याकुल सारे
ओ वई वई दैया
ओ मोरा चैन करेजवा
पाये न सखी
बैरी बिन बरखा ...

याद आयी नित बात सुहानी
छलक गयी आँखों से जवानी
ओ वई वई दैया
ओ कोई छैला पिया
... भी आये न सखी
बैरी बिन बरखा ...