अर्त ई चने ज़ोर ग़रम बाबू मैं लाया मज़ेदार - The Indic Lyrics Database

अर्त ई चने ज़ोर ग़रम बाबू मैं लाया मज़ेदार

गीतकार - प्रदीप | गायक - अरुण कुमार / अरुण कुमार, बच्चे | संगीत - सरस्वती देवी | फ़िल्म - बंधन | वर्ष - 1940

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चुपचुप खड़े हो ज़रूर कोई बात है

चुपचुप खड़े हो ज़रूर कोई बात है

पहली मुलाक़ात है जी पहली मुलाक़ात है

चुपचुप खड़े हो

साजन की बात पर, गुस्सा जो आ गया

ज़ुल्फ़ों का बादल, गालों पे छा गया

अभीअभी दिन था अभीअभी रात है

पहली मुलाक़ात है जी पहली मुलाक़ात है

चुपचुप खड़े हो

पहली मुलाक़ात में, बात ऐसी हो गई

राजा भी खो गया, रानी भी खो गई

दोनो को न पता चला मज़े की ये बात है

पहली मुलाक़ात है जी पहली मुलाक़ात है

चुपचुप खड़े हो