ठहर ज़रा ओ जानेवाले - The Indic Lyrics Database

ठहर ज़रा ओ जानेवाले

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - मन्ना डे, आशा, मधुबाला झावेरी, सहगान | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - बूट पोलिश | वर्ष - 1953

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ठहर ज़रा ओ जानेवाले
बाबु मिस्टर गोरे काले
कब से बैठे आस लगाए
हम मतवाले पालिशवाले
ठहर ज़रा ओ जानेवाले
बाबु मिस्टर गोरे काले
कब से बैठे आस लगाए
हम मतवाले पालिशवाले...
ये काली पालिश एक आना
ये ब्राऊन पालिश एक आना
जूते का मालिश एक आना
आ/हर माल मिलेगा एक आना
न ब्लैस्म न पाखौड़ी है
न पगड़ी है न चोरी
छोटी सी दुकान लगाए
हम मतवाले पालिशवाले...
मेहनत का फल मिठा मिठा
हाँ भै हाँरे
भाग किसी का रूठा झूठा
ना भै नारे
मेहनत की एक रूखी रोटी
हाँ भै हाँरे
और मुफ़त की दुध मलाई
ना भै नारे
लालच जो फोकट की खाए
लालच जो हराम की खाए
हम मतवाले पालिशवाले...
पंडितजी मंतर पड़ते हैं
वो गंगाजी नहलाते हैं
हम पेट का मंतर पड़ते है
जूते का मुह चमकाते है
पंडित को पाँच चवन्नी है
हमको तो एक इकन्नी है
फिर भेद भाव ये कैसा है
जब सबका प्यारा पैसा है
ऊँच नीच कुछ समझ न पाए
हम मतवाले पालिशवाले...$