यारों ने बाहें जो डाले गले - The Indic Lyrics Database

यारों ने बाहें जो डाले गले

गीतकार - पी एल संतोषी | गायक - लता | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - चालीस बाबा एक चोर | वर्ष - 1954

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यारों ने बाहें जो डाले गले
तो देखने वाले जले, क्यों जले,
क्यों
यारों ने बाहें जो डाले गले,
तो देखने वाले जले, क्यों जले
(जले क्यों, जले क्यों, जले क्यों, जले)
जले, जले
यारों ने बाहें जो डाले गले
तो देखने वाले जले, क्यों जले
(ये महकी फ़िज़ा है क़यामत क़यामत
ये बहकी हवा है क़यामत क़यामत)
इशारे यहाँ है और नज़रें कहीं है
ये कैसी अदा है क़यामत क़यामत
क़यामत में दोनों जो दिल से मिले
तो देखने वाले जले, क्यों जले ...
(इधर दिल में मेरे मुहब्बत मुहब्बत
उधर दिल में तेरे मुहब्बत मुहब्बत)
जिधर देखते हैं, यही देखते हैं
है आलम को घीरे मुहब्बत मुहब्बत
मुहब्बत में दोनों जो दिल से मिले
तो देखने वाले जले, क्यों जले ...$