मैने शायद तुम्हे पहले भी कहीं देखा है - The Indic Lyrics Database

मैने शायद तुम्हे पहले भी कहीं देखा है

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रोशन | फ़िल्म - बरसात की रात | वर्ष - 1960

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मैने शायद तुम्हें पहले भी कहीं देखा है
अजनबी सी हो मगर गैर नहीं लगती हो
वहम से भी जो हो नाज़ुक वो यकीं लगती हो
हाए ये फूल सा चेहरा, ये घनेरी जुल्फें
मेरे शेरों से भी तुम मुझ को हसीं लगती हो
देखकर तुमको किसी रात की याद आती है
एक खामोश मुलाकात की याद आती है
जहन में हुस्न की ठंडक का असर जागता है
आँच देती हुई बरसात की याद आती है
जिस की पलकें मेरी आँखों पे झूकी रहती है
तुम वो ही मेरे खयालों की परी हो के नहीं
कहीं पहले की तरह फिर तो न खो जाओगी
जो हमेशा के लिए हो वो ख़ुशी हो के नहीं