मुहब्बत और वफ़ा की - The Indic Lyrics Database

मुहब्बत और वफ़ा की

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - रफी | संगीत - निसार बज्मी | फ़िल्म - खोज | वर्ष - 1953

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मुहब्बत और वफ़ा की किस क़दर तौहीन की तूने
ग़ुनहगारी यह मासूमी के बदली मोल ली तूने
चन्दा का दिल टूट गया रोने लगे हैं सितारे
धरती का सीना काँप रहा है देख के ज़ुल्म तुम्हारे
झूठे प्यार का जाल बिछाया
भोला था पंछी जाल में आया
धोखेबाज़ ये मद के भरे यह ज़ालिम नयन तुम्हारे
चन्दा का दिल टूट
माथे पे ज़ुल्म की बिन्दिया लगाई
हाथों में ख़ून की मेहंदी लगाई
तेरी पायलिया की छम-छम में क्या-क्या पाप पुकारे
चन्दा का दिल टूट
जब तुझे दुनिया में लाया होगा
भगवान भी पछताया होगा
नेकी कभी न भूल के आई ज़ालिम तेरे द्वारे
चन्दा का दिल टूट