यारों का यार लिए - The Indic Lyrics Database

यारों का यार लिए

गीतकार - मजरूह | गायक - रफ़ी, आशा | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - काली टोपी लाल रूमाल | वर्ष - 1959

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यारों का यार लिए नखरे हज़ार लिए
जाती है गोरी बुलाओ रे कोई
उलझे से बाल वाला लाल लाल रुमाल वाला
छेड़े है मोहे बचाओ रे कोई
दे दूँगा जान मैं तो आज तेरी चाह में
देखो मैं लेट गया लेट गया राह में
हाय ना कोई लाज ना शरम है निगाह में
रस्ते का पत्थर हटाओ रे कोई
यारों का यार लिए ...
बीच बाज़ार मेरे गले पड़ जाए है
छोरा बेकार में दीवाना बना जाए है
मजनूं का प्यार देखो लैला ठुकराए है
लैला को मजनूं बनाओ रे कोई
उलझे से बाल वाला ...
फिर एक बार गोरी देख ज़रा फिर के
नखरों की भीड़ में मैं रह गया घिर के
ओय थोड़ी सी दूर चला रुक गया फिर से
छकड़े को मोटर बनाओ रे कोई
यारों का यार लिए ...$