लुते कोई मन का नगर बन के मेरा साथी - The Indic Lyrics Database

लुते कोई मन का नगर बन के मेरा साथी

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर, मनहर | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - अभिमान | वर्ष - 1973

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ल: लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी-(२)
म: कौन है वो, अपनों में कभी, ऐसा कहीं होता है,
ये तो बड़ा धोखा है
ल: लूटे कोई ...ल: (यहीं पे कहीं है, मेरे मन का चोर
म: नज़र पड़े तो बइयाँ दूँ मरोड़ )-(२)
ल: जाने दो, जैसे तुम प्यारे हो,
वो भी मुझे प्यारा है, जीने का सहारा है
म: देखो जी तुम्हारी यही बतियाँ मुझको हैं तड़पातीं
ल: लूटे कोई ...म: (रोग मेरे जी का, मेरे दिल का चैन
ल: साँवला सा मुखड़ा, उसपे कारे नैन )-(२)
म: ऐसे को, रोके अब कौन भला,
दिल से जो प्यारी है, सजनी हमारी है
ल: का करूँ मैं बिन उसके रह भी नहीं पाती
ल,म: लूटे कोई ...