मान मेरा एहसान, अरे नादान के मैने तुझ से किया है प्यार - The Indic Lyrics Database

मान मेरा एहसान, अरे नादान के मैने तुझ से किया है प्यार

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - आन | वर्ष - 1952

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मान मेरा एहसान, अरे नादान कि मैने तुझसे किया है प्यार
मेरी नज़र की धूप न भरती रूप तो होता हुस्न तेरा बेकार
उल्फ़त ना सही, नफ़रत ही सही
इसको भी मोहब्बत कहते हैं
तू लाख छुपाये भेद मगर
हम दिल में समाये रहते हैं
तेरे भी दिल में आग़ उठी है जाग
जबां से चाहे ना कर इकरार
अपना ना बना लूँ तुझको अगर
एक रोज तो मेरा नाम नहीं
पत्थर का जिगर पानी कर दूँ
ये तो कोई मुश्किल काम नहीं
छोड़ दे अब ये खेल तू कर ले मेल मेरे संग
मान ले अपनी हार