चांदनी चांद से होती हैं - The Indic Lyrics Database

चांदनी चांद से होती हैं

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - आशा भोंसले, किशोर कुमार | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - आज का महात्मा | वर्ष - 1976

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चाँदनी चाँद से होती है सितारों से नहीं
प्यार भी एक से होता है हज़ारों से नहीं
फिर भी बुलबुल से मिलो आज बहारों से नहीं
ये नज़र तुमसे है आबाद नज़ारों से नहीं
चाँदनी चाँद से ...मैने तुमको नहीं समझा था ख़तावार हूँ मैं
जो सज़ा चाहो मुझे दे दो ग़ुनाहगार हूँ मैं
अब तो ज़ंजीरों से बाँधों मुझे हारों से नहीं
बदला लेते तो मगर अपने ही प्यारों से नहीं
चाँदनी चाँद से ...पास भी तुम हो और आँखों में नशा चमके भी
हो तो जाती है ग़लत बात कोई हमसे भी
शोख़ियाँ कीजे मगर प्यार के मारों से नहीं
तब ना खुल पाए तो कह दूँगी इशारों से नहीं
चाँदनी चाँद से ...डूबकर हमको इन आँखों में रह जाने दो
आज बाँहों की इन्हीं लहरों में बह जाने दो
आज क़ाबू में हम आएँगे हज़ारों से नहीं
अपना तूफ़ान से रिश्ता है किनारों से नहीं
चाँदनी चाँद से ...