मालिक मैं पुछता हुं बता मुजे ओ जहाँ के मालिक - The Indic Lyrics Database

मालिक मैं पुछता हुं बता मुजे ओ जहाँ के मालिक

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - एक शोला | वर्ष - 1958

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मालिक मैं पूछता हूँ मुझे तू जवाब दे
बहते हैं क्यूँ गरीब के आँसू जवाब देबता मुझे ओ जहाँ के मालिक ये क्या नज़ारे दिखा रहा है
तेरे समुंदर में क्या कमी थी के आदमी को रुला रहा है
बता मुझे ओ ...कभी हँसाए कभी रुलाए ये खेल कैसा है तू बता दे
जिसे बनाया था अपने हाथों उसी को अब क्यूँ मिटा रहा है
बता मुझे ओ ...जो खुद ही ग़म से बुझा-बुझा है तेरा फिर इसमें कमाल क्या है
कि एक दीपक की राह में तू हज़ारों तूफ़ाँ उठा रहा है
बता मुझे ओ ...