अरे जा रे हट नटखट - The Indic Lyrics Database

अरे जा रे हट नटखट

गीतकार - भरत व्यास | गायक - आशा - महेंद्र कपूर | संगीत - सी. रामचंद्र | फ़िल्म - नवरंग | वर्ष - 1959

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अटक अटक झटपट पनघट पर
चटक मटक एक नार नवेली
गोरी गोरी ग्वालन की छोरी चली
चोरी चोरी मुख मोरी मोरी मुस्काये अलबेली
कंकरी गले में मारी कंकरी कन्हैया ने
पकरी बाह और की अटखेली
भरी पिचकारी मारी
सा रा रा रा रा रा रा रा
भोली पनिहारी बोली
अ रा रा रा रा रा रा रा
अरे जा रे हट नटखट
ना छू रे मेरा घूँघट
पलट के दूँगी आज तुझे गाली रे
मुझे समझो न तुम भोली भली रे
सा रा रा रा रा रा रा रा
आया होली का त्यौहार
उड़े रंग की बौछार
तू है नार नखरेदार मतवाली रे
आज मीठी लगे है तेरी गाली रे
तक तक ना मार पिचकारी की धार
कोमल बदन सह सके ना ये मार
तू है अनाड़ी बड़ा ही गंवार
कजरे में तूने अबीर दिया डार
तेरी से झकझोरी से बाज़ आयी होरी से
चोर तेरी चोरी निराली रे
अरे जा रे हट नटखट
ना छू रे मेरा घूँघट
पलट के दूँगी आज तुझे गाली रे
मुझे समझो न तुम भोली भली रे
धरती है लाल आज अम्बर है लाल
उड़ने दे गोरी गालों का गुलाल
मत लाज का आज घूँघट निकाल
दे दिल की धड़कन पे धिनक धिनक ताल
झांझ बजे, चंग बजे
संग में मृदंग बजे
अंग में उमंग खुशियाली रे
आज मीठी लगे है तेरी गाली रे
अरे जा रे हट नटखट
ना छू रे मेरा घूँघट
पलट के दूँगी आज तुझे गाली रे
मुझे समझो न तुम भोली भली रे