जब तुम द हमारे और हम द तुम्हारे - The Indic Lyrics Database

जब तुम द हमारे और हम द तुम्हारे

गीतकार - प्रदीप | गायक - अरुण कुमार | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - मशाल | वर्ष - 1950

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(जब तुम थे हमारे और हम थे तुम्हारे)-२
वो थोड़े से दिन थे कितने प्यारे
जो हमने तुम्हारे संग में गुज़ारे वो थोड़े से दिन
वो थोड़े से दिन थे कितने प्यारेजाया करते थे नदी के किनारे
बैठे रहते थे ? डारे
सारी दुनिया की सुध बुध बिसारे
गिना करते थे रात को हम तारे
आँखों आँखों में होते थे इशारे
वो थोड़े से दिन थे कितने प्यारेवो पीपल की चाँव में
वो पीपल की चाँव में मीठी मीठी बातें हमें याद है
वो सबकी नज़र से छुपी मुलाकातें हमें याद है
वो शारत, वो चुटकी, वो प्यार भरी घातें हमें याद है
हमें याद है वो सारे नज़ारे
वो थोड़े से दिन थे कितने प्यारेतुम तोड़ के बंधन सारे
जाते हो पराये द्वारे
हम बैठे यहाँ मन मारे
सारे जीवन की बाज़ी हारे
आज पागल मनवा पुकारे
वो थोड़े से दिन थे कितने प्यारे
जब तुम थे हमारे और हम थे तुम्हारे
वो थोड़े से दिन थे कितने प्यारे