प्यार की आग में तन बदन जल गया - The Indic Lyrics Database

प्यार की आग में तन बदन जल गया

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मन्ना डे | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - ज़िद्दी | वर्ष - 1964

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दुनिया बनानेवाले सुन ले मेरी कहानी
रोए मेरी मोहब्बत, तड़पे मेरी जवानी
प्यार की आग में तन बदन जल गया
जाने फिर क्यों जलाती है दुनिया मुझे
में तो रोता फिरूँ बादलों की तरह
ठंडी आहें भरूँ पागलों की तरह
जाने फिर क्यों रुलाती है दुनिया मुझे
बात जब में करूँ मुँह से निकले धुँआ
जल गया, जल गया मेरे दिलका जहां
जाने फिर क्यों सताती है दुनिया मुझे
इश्क़ मुझको नचाता रहा है सदा
क्या क्या सपनें दिखाता रहा है सदा
जाने फिर क्यों नचाती है दुनिया मुझे