जवाँ है जहाँ - The Indic Lyrics Database

जवाँ है जहाँ

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - नया घर | वर्ष - 1953

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जवाँ है जहाँ झूम उठी हर नज़र
मैं हूँ के है ज़िंदगी ज़हर
नज़र ढूँढती है न जाने किसे
ये अरमाँ बुलाते हैं जाने किसे

हुई मुद्दतें सूना-सूना है घर
मैं हूँ के है ज़िंदगी ज़हर
हो हाय तेरे बेवफ़ाई
मुझे मौत भी न आई
मेरी हर दुआ हर सदा बे-असर
मैं हूँ के है ज़िंदगी ज़हर
चलायेंगे ऐसे ज़माने को हम
किये जिसने दिल पे ये लाखों सितम
आँख से जितने आँसू टपके
बन गये आज सितारे
इंतज़ार में अब न जलेंगे
दो नैना मतवारे