मे से मीना से ना साकी से - The Indic Lyrics Database

मे से मीना से ना साकी से

गीतकार - फारूक कैसर | गायक - साधना सरगम, मोहम्मद अज़ीज़ | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - खुदगर्जो | वर्ष - 1987

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मय से मीना से ना साक़ी से ना पैमाने से
दिल बहलता है मेरा आपके आ जाने सेगुल से गुंचों से ना बुलबुल के गुनगुनाने से
दिल बहलता है ...ख्वाब में जन्नत का नक्शा आ गया सामने
हूरों से भी दिल ना बहला हम लगे तुझे ढूंढने
जन्नत की बहारों से न परियों के मुस्कराने से
दिल बहलता है ...एक दिन मैं गई थी जौहरी बाज़ार में
तेरी आँखें याद आईं हीरों के भी हार में
मोती से हीरों से न जेवर से ना किसी खज़ाने से
दिल बहलता है ...