तुम्हें आह बनके जलाऊँगा, तुम्हें दर्द बनके सताऊँगा - The Indic Lyrics Database

तुम्हें आह बनके जलाऊँगा, तुम्हें दर्द बनके सताऊँगा

गीतकार - फैय्याज हाशमी | गायक - तलत महमूद | संगीत - रमजान खान | फ़िल्म - गैर-फिल्मी | वर्ष - 1940

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तू चँदा मैं तेरी चकोरी


तू चँदा मैं तेरी चकोरी
देखो सुध बिसरा के मोरी
कल को ना तरसाना, ना तरसाना
चूड़ न जाना, ना जाना

पुरुष:
तू कोयल मैं तेरा तराना
देखो कर के मुझे दिवाना
कल को भूल न जाना, भूल न जाना
तोड़ निभाना, निभाना
to.D = to the end, in Punjabi usage

दि: तू बने मेरा ना मेरा
मैं तो तेरी हो ली
पु: आज अमीरी और ग़रीबी
दोनों खेलें होली
दि: ओहोहो मेरी भीगो दी चोली
मैंने था घर जाना

दि: वो देखो इक पेड़ पे बैठे
हैं दो पंछी प्यारे
पु: मिलें तो हैं पर बिछड़ न जायें
कहीं नसीबो मारे
दि: दो दिल मिलते देख के दुनिया
सौ सौ ज़ुल्म गुज़ारे
पु: पर तुम ना घबराना