मोहब्बत मेरी हो वे मैंने चोरी चोरी - The Indic Lyrics Database

मोहब्बत मेरी हो वे मैंने चोरी चोरी

गीतकार - अंजान | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, कुमार शानू | संगीत - बप्पी लाहिड़ी | फ़िल्म - दलाल | वर्ष - 1993

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क: मोहब्बत मेरी मुझको आज किस मंज़िल पे लाई है
किसी से दिल लगाने की सज़ा क्या ख़ूब पाई हैहो वे मैंने चोरी-चोरी
चोरी-चोरी तेरे संग अखियाँ मिलाई रे
हो वे मैंने चोरी-चोरी
चोरी-चोरी तेरे संग अखियाँ मिलाई रे
चोरी-चोरी तेरे संगतूने सर-ए-आम -२
तूने सर-ए-आम बदनाम कर दिया -२
हो वे मैंने चोरी-चोरीकु: मैंने भी तो चोरी-चोरी
चोरी-चोरी मैंने भी तो यारी निभाई रे
चोरी-चोरी मैंने भी तो
चोरी-चोरी मैंने भी तो यारी निभाई रे
चोरी-चोरी मैंने भी तो
तूने ही आज -२
तूने ही आज ऐसा काम कर दिया -२
मैंने भी तो चोरी-चोरीक: तेरी-मेरी बात मैंने सबसे छुपाई रे
तेरी-मेरी बात मैंने
तूने मेरे यार चर्चा आम कर दिया -२
चोरी-चोरी तेरे संग
चोरी-चोरी तेरे संग अखियाँ मिलाई रे
चोरी-चोरी तेरे संगकु: तेरे लिये मैंने भी तो जान लुटाई रे
तेरे लिये मैंने भी तो
तूने इल्ज़ाम मेरे नाम कर दिया -२
मैंने भी तो चोरी-चोरी
चोरी-चोरी मैंने भी तो यारी निभाई रे
मैंने भी तो चोरी-चोरीक: ( दिल में बसा के तुझे दुनिया भुलाई रे
सारा जग छोड़ा हुई सबसे पराई रे ) -२
जो था मेरे पास -२
जो था मेरे पास तेरे नाम कर दिया
तूने सर-ए-आम बदनाम कर दिया
चोरी-चोरी तेरे संग
चोरी-चोरी तेरे संग अखियाँ मिलाई रे
चोरी-चोरी तेरे संग
हो वे मैंने चोरी-चोरीकु: ( कोई तुझे छेड़े कहीं चुप रहूँ मैं वहाँ
तेरे जैसी मैंने नहीं पहनी हैं चूड़ियाँ ) -२
मैंने खुल-ए-आम -२
मैंने कोहराम खुल-ए-आम कर दिया
तूने इल्ज़ाम मेरे नाम कर दिया
मैंने भी तो चोरी-चोरीदो: हो वे मैंने चोरी-चोरी
चोरी-चोरी तेरे संग अखियाँ मिलाई रे
चोरी-चोरी तेरे संगतूने सर-ए-आम -२
तूने सर-ए-आम बदनाम कर दिया -२
( चोरी-चोरी तेरे संग
हो वे मैंने चोरी-चोरी ) -२