जीवन के सफर में राही, मिलते हैं बिछड जाने को - The Indic Lyrics Database

जीवन के सफर में राही, मिलते हैं बिछड जाने को

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - मुनीमजी | वर्ष - 1955

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जीवन के सफ़र में राही
मिलते हैं बिछड़ जाने को
और दे जाते हैं यादें
तनहाई में तड़पाने को
रो-रो के इन्हीं राहों में
खोना पड़ा इक अपने को
हँस-हँस के इन्हीं राहों में
अपनाया था बेगाने को
तुम अपनी नयी दुनिया में
खो जाओ पराए बनकर
जी पाए तो हम जी लेंगे
मरने की सज़ा पाने को