चुप-चुपके छुप-छुपके चोरी से चोरी - The Indic Lyrics Database

चुप-चुपके छुप-छुपके चोरी से चोरी

गीतकार - गुलजार | गायक - सोनू निगम - महालक्ष्मी | संगीत - शंकर - एहसान - लॉय | फ़िल्म - बंटी और बबली | वर्ष - 2004

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देखना मेरे सर से आसमां उड़ गया है
देखना आसमां के सिरे खुल गए हैं जमीं से
चुप-चुपके छुप-छुपके चोरी से चोरी
चुप-चुपके छुप-छुपके रे

देखना क्या हुआ है, ये जमीं बह रही है
देखना पानियों में जमीं घुल रही है कहीं से
देखना आसमां के सिरे खुल गए हैं जमीं से
चुप-चुपके छुप-छुपके चोरी से चोरी
चुप-चुपके छुप-छुपके रे
होश में मैं नहीं ये गशी भी नहीं
इस सदी मे कभी ये हुआ ही नहीं
जिस्म घुलने लगा, रूह गलने लगी
पाँव रुकने लगे, राह चलने लगी
आसमां बादलों पर करवटें ले रहा है
देखना आसमां ही बरसने लगे ना जमीं पे
ये ज़मीं पानियों में डुबकियाँ ले रही है
देखना उठके पैरों पे चलने लगे ना कहीं पे
चुप-चुपके छुप-छुपके चोरी से चोरी
चुप-चुपके छुप-छुपके रे

तुम कहो तो रुकें, तुम कहो तो चलें
ये जुनूं है अगर तो जुनूं सोच ले
तुम कहो तो रुकें, तुम कहो तो चलें
मुझको पहचानती हैं कहाँ मंज़िलें
देखना मेरे सर से आसमां उड़ गया है
देखना आसमां के सिरे खुल गये हैं जमीं से
देखना क्या हुआ है, ये जमीं बह रही है
देखना पानियों में जमीं घुल रही है कहीं से
चुप-चुपके छुप-छुपके चोरी से चोरी
चुप-चुपके छुप-छुपके रे