दिन ब दिन वो मेरे दिल से क्यों दुउर दुउर होने लगे - The Indic Lyrics Database

दिन ब दिन वो मेरे दिल से क्यों दुउर दुउर होने लगे

गीतकार - अंजान | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - तृष्णा | वर्ष - 1978

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दिन-ब-दिन वो मेरे दिल से क्यों दूर दूर होने लगे
मेरे अरमाँ मेरे सपने क्यों चूर चूर होने लगे
दिन-ब-दिन वो ...फूलों से थी सजी-सजी कल की वो ज़िंदगी
आयेंगे क्या न लौट कर गुज़रे वो दिन कभी
गुज़रे वो दिन कभी
क्या उठा धुआँ, मेरे दो जहाँ कैसे बेनूर होने लगे
दिन-ब-दिन वो ...पलकों पे है रुका-रुका अश्कों का कारवाँ
बरसी घटा तो झूमकर, तृष्णा बुझी कहाँ
तृष्णा बुझी कहाँ
ज़िंदगी तुझे ऐसे भी सितम कैसे मंज़ूर होने लगे
दिन-ब-दिन वो ...