जीवन ज्योत जले - The Indic Lyrics Database

जीवन ज्योत जले

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - आशा भोसले | संगीत - रवि | फ़िल्म - गृहस्थी | वर्ष - १९६३

View in Roman

जीवन ज्योत जले
कोउ न जाने कब निकसे दिन
और कब रात ढले
भोर भए तो मन मुस्काए
साँझ भए तो नीर बहाए
एक पल मान करे संसारी
एक पल हाथ मले
मनमाला में डार वो मोती
जिस में जली हो प्रेम की ज्योती
उसी की नैया पार है जग में
जाके काज भले