जप जप जप जप जप रे - The Indic Lyrics Database

जप जप जप जप जप रे

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मुकेश | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - शारदा | वर्ष - 1957

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जप जप जप जप जप रे -२
जप जप जप जप मेरे मनवा
जप रे प्रीत की माला होय जप रे प्रीत की माला
जप जप जप जप रे ...प्रीत है देवी -२ प्रीत शिवाला जप रे प्रीत की माला
जप जप जप जप रे ...प्रीत से बढ़कर मीत न कोई प्रीत से आगे रीत न कोई
छोड़ जगत को जोगी बन जा ओढ़ के प्रीत दुशाला
हो जप रे ...प्रेम नगर का वासी हो जा डूब के इस सागर में खो जा
अगर लगन है तेरी साँची दर्शन देगी बाला
हो दर्शन देगी बाला
जप रे ...अंग भभूत रमा ले जोगी जोगन क्यों ना तेरी होगी
प्रीत के रस से भरेगी इक दिन तेरा खाली प्याला
जप रे ...