सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है - The Indic Lyrics Database

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

गीतकार - समीर | गायक - हरिहरन, सहगान, सोनू निगम | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - द लीजेंड ऑफ भगत सिंह | वर्ष - 2000

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सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-क़ातिल में है

देख सकता है तो तू भी देख ले ऐ आसमाँ

हौसला ये देख के क़ातिल बड़ी मुश्किल में है

अपने ही लहू से हम लिखेंगे अपनी दास्ताँ

ज़ालिमों से छीन लेंगे ये ज़मीं ये आस्माँ

सरफिरे जवान हम तो मौत से भी ना डरें

आँच आये देश पे ये क्यूँ गवारा हम करें

मुल्क़ पे क़ुर्बान हों ये आरज़ू दिल-दिल में है

सर्फ़रोशि कि तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखन है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-क़ातिल में है

वक़्त आने पे बता देंगे तुझे ऐ आस्माँ

क्या बतायें हम जुनून-ए-शौक़ किस मंज़िल में है

डोरियाँ उम्मीद की ना आज हम से छूट जायें

मिल के देखा है जिन्हें वो सपनें भी ना रूठ जायें

हौसले वो हौसले क्या जो सितम से टूट जायें

तेरे सोणे रूप को हम इक नई बहार देंगे

अपने ही लहू से तेरा रंग हम निखार देंगे

देस मेरे देस तुझ पे ज़िन्दगी भी वार देंगे

ख़ुश्बू बन के महका करेंगे हम लहलहाती हर फ़स्लों में

साँस बन के हम गुनगुनायेंगे आने वाली हर नस्लों में