तुमें गीतों में धालुंगा सावन को आने दो - The Indic Lyrics Database

तुमें गीतों में धालुंगा सावन को आने दो

गीतकार - गौहर कानपुरी | गायक - सहगान, जसपाल सिंह, कल्याणी मित्र | संगीत - राजकमल | फ़िल्म - सावन को आने दो | वर्ष - 1979

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ज: तुम्हें गीतों में ढालूँगा आ आ आ हा
तुम्हें गीतों में ढालूँगा -२
सावन को आने दो -२
तुम्हें गीतों में ढालूँगा
सावन को आने दो -३
होझूलों की होंगी कतारें
फूलों की होंगी बहारें
सरगम के लय पे भँवरे
कलियों का घूँघट उतारें
सपने जगा लूँगा
तुमको तुम्ही से मैं एक दिन चुरा लूँगा
क: कब
ज: सावन को आने दो -२को: giggleज: देखो ये शाम हमारी
हम हैं पवन के पुजारी
धरती-गगन के मिलन की
आरती हमने उतारी
अब मैं न मानूँगा
इस दिल के दर्पन में तुमको सजा लूँगा
क: कब
ज: सावन को आने दो -२ज: बादल से रस-रंग बरसे
प्यासा मन काहे को तरसे
कहती है बरखा दीवानी
गोरी सिमट नहीं डर से
अपना बना लूँगा
दिल में बसा लूँगा
सीने से लगा लूँगा
क: कब
ज: सावन को आने दो -२