देखो जी देखो इक बार - The Indic Lyrics Database

देखो जी देखो इक बार

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - लता मंगेशकर, मुकेश | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - आस | वर्ष - 1950

View in Roman

देखो जी देखो इक बार इस तरफ़ देखो
ये दिल बना है शीशे का
पत्थर पे इस को मत फेंको
छोड़ो जी छोड़ो ऐसी बनावटी बातें
हम ने तो ऐसी उलझन में
काटी हैं सैंकड़ों रातें

बहारों को आये हुए चार दिन
हमें दिल लगाये हुए चार दिन
देखो न तोड़ो ऐसे सुहाने सपने को
ये दिल बना है शीशे का ...

दुआ दो कि ये दिल रहम कर गया
कहो ये कि जादू असर कर गया
जादू है किस का मालूम नहीं अपने को
ये दिल बना है शीशे का ...