सारकती जाए है रुक से नकाब अहिस्ता आहिस्ता - The Indic Lyrics Database

सारकती जाए है रुक से नकाब अहिस्ता आहिस्ता

गीतकार - | गायक - लता मंगेशकर, किशोर कुमार | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - दीदार-ए-यार | वर्ष - 1982

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कि: होऽ सरकति ज़ाये है
सरकति ज़ाये है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता-आहिस्ता -२
निकलता आ रहा है आफ़ताब
होऽ निकलता आ रहा है आफ़ताब आहिस्ता-आहिस्ता
सरकति ज़ाये है रुख़ से नक़ाब

ल: आऽ
कि: जवाँ होने लगे जब वो तो हमसे कर लिया पर्दा -२
हो
हया यक लख़्त आई और शबाब आहिस्ता-आहिस्ता
सरकति ज़ाये है रुख़ से नक़ाबल: शब-ए-फ़ुरक़त का जागा हूँ
शब-ए-फ़ुरक़त का जागा हूँ फ़रिश्तों अब तो सोने दो -२
कभी फ़ुरसत में कर लेना हिसाब आहिस्ता-आहिस्ता
कि: सरकति ज़ाये है रुख़ से नक़ाबसवाल-ए-वस्ल पर उनको
सवाल-ए-वस्ल पर उनको अदू का ख़ौफ़ है इतना -२
हो
दबे होंठों से देते हैं जवाब
ल: आहिस्ता-आहिस्ता
कि: सरकति ज़ाये है रुख़ से नक़ाबल: वो बेदर्दी से सर काटें मेरा और मैं कहूँ उनसे -२
हुज़ूर आहिस्ता-आहिस्ता जनाब आहिस्ता-आअहिस्ता
कि: सरकति ज़ाये है रुख़ से नक़ाब
ल: आहिस्ता-आहिस्ता
कि: निकलता आ रहा है आफ़ताब
ल: आहिस्ता-आहिस्ता
कि: सरकति ज़ाये है रुख़ से नक़ाब