गोर गोर हाथों में चलिए दुल्हनियां पिया से मिलने - The Indic Lyrics Database

गोर गोर हाथों में चलिए दुल्हनियां पिया से मिलने

गीतकार - भरत व्यास | गायक - आशा भोंसले | संगीत - अरुण कुमार | फ़िल्म - परिणीता | वर्ष - 1953

View in Roman

गोरे-गोरे हाथों में मेहंदी रचा के
नयनों में कजरा डाल के
चली दुल्हनिया पिया से मिलने
छोटा सा घूँघट निकाल के -२
गोरे-गोरे हाथों ...जाके अब ससुराल में रहना
सास-ससुर की सेवा करना
सब-कुछ सहना कुछ भी न कहना
आँचल को रखना सम्भाल के
चली दुल्हनिया ...हँसती रहोगी तुम प्रियतम के नाम से
थक के वो आएँ जो दिन भर के काम से
पंखा झलोगी वो सोएँ आराम से
सपनों में उनको धीरे से लाना
मोतियों की लड़ियाँ उछाल के
चली दुल्हनिया ...पिया के संग सखी मीठी-मीठी बोलना
उनके नयन में गोरी धीरे-धीरे डोलना
ग़ुस्सा करें वो ज़बान नहीं खोलना
साजन के मन-मन्दिर में बसना
नैनों का दीपक बाल के
चली दुल्हनिया ...