तेरी चमकती आँखों के आगे ये सितारें कुछ भी नहीं - The Indic Lyrics Database

तेरी चमकती आँखों के आगे ये सितारें कुछ भी नहीं

गीतकार - Nil | गायक - लता - तलत मेहमूद | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - छोटे बाबू | वर्ष - 1957

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तेरी चमकती आँखों के आगे ये सितारें कुछ भी नहीं
तू जो बढ़ा दे हाथ ज़रा दुनिया के सहारे कुछ भी नहीं
मान लिया दिलकश है बहोत ये रात हसीं ये चाँद जवां
बात जो देखी है तुझ में नज़ारों में वो बात कहाँ
सामन मेरे तू हो अगर दुनिया के नज़ारे कुछ भी नहीं
साथ है मेरे तू जब तक रोशन है जीवन की राहें
क्यों हो मुझे मंज़िल का ग़म पतवार हैं जब तेरी बाहें
माँझी है गर तू नैय्या का तूफ़ान के धारे कुछ भी नहीं
बाँध लिया बंधन में तुम्हे, बस में कर लिया बहारों को
है ये वो बंधन जो कर दे आज़ाद ग़मों के मारों को
प्यार की तेरे छाँव मिले तो ग़म के शरारे कुछ भी नहीं